महेश्वर में नर्मदा घाट पर साधु-संतों पर डांस फिल्माए जाने का विरोध, ज्ञापन सौंपा

महेश्वर (मध्यप्रदेश). फिल्म दबंग-3 की शूटिंग दूसरे दिन मंगलवार को यहां के किला परिसर और नर्मदा घाट पर हुई। सलमान खान ने हुड़ दबंग दबंग...गाने पर साधु-संतों की वेशभूषा में सह कलाकारों के साथ डांस किया। साधु बने कलाकारों पर नर्मदा में डुबकी लगाने के दृश्य फिल्माए गए। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। इनका कहना है कि साधू-संतों को इस तरह से दिखाना हमारी संस्कृति की गलत तस्वीर पेश करना है।

नवयुवक हिंदू मित्र मंडल ने गाने में साधू-संतों को इस तरह से दिखाने पर कलेक्टर गोपालचंद डाड को ज्ञापन सौंपा। मंडल ने फिल्म की शूटिंग रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे साधू-संतों की गलत छवि बनेगी। यह हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।

31 दिसंबर को रिलीज हो सकती है फिल्म : दबंग 3 की महेश्वर और मांडू में शूटिंग पूरी होने के बाद महाराष्ट्र के वाई में करीब 80 दिन का शेड्यूल है। सूत्रों ने बताया कि फिल्म 31 दिसंबर को रिलीज हो सकती है।फिल्म का डायरेक्शन प्रभुदेवा कर रहे हैं। सलमान-प्रभुदेवा ने इससे पहले 2009 में फिल्म वांटेड में साथ काम किया था।

7 अप्रैल तक चलेगी शूटिंग : फिल्म की शूटिंग सोमवार को नर्मदा घाट पर शुरू हुई थी। यह 7 अप्रैल तक चलेगी। बीच में दो दिन 4 और 5 अप्रैल को शूटिंग नहीं होगी। 5 अप्रैल को भूतड़ी अमावस्या होने से निमाड़-मालवा के श्रद्धालु बड़ी संख्या में 4 अप्रैल की शाम से ही नर्मदा घाट पहुंचने लगेंगे। उनको कोई परेशानी ना हो इसके लिए शूटिंग 2 दिन के लिए निरस्त की गई है।

टाइटल ट्रैक से हुई शूटिंग की शुरुआत: महेश्वर में शूटिंग की शुरुआत फिल्म के टाइटल सॉन्ग ‘हुड़-हुड़ दबंग’ से की है। इसके लिए नर्मदा घाट स्थित मंदिर में लगन मंडप का सेट भी तैयार किया गया है। 1 से 3 अप्रैल के बाद 14 अप्रैल को 1 दिन के लिए फिर से यहां ‘दबंग 3’ की शूटिंग हो सकती है।

सलमान ने शेयर किया था वीडियो : महेश्वर पहुंचने से पहले सलमान और अरबाज अपने जन्म स्थान इंदौर पहुंचे थे। इसकी जानकारी दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करके दी थी। इस वीडियो में वे बता रहे हैं कि इंदौर इनकी जन्मभूमि है और यहीं पर उनके दादा जी काम किया करते थे। सलमान ने यह वीडियो शेयर कर लिखा..

एलबी नगर की सातवीं सीट से जीते कांग्रेस के सुधीर रेड्‌डी अब टीआरएस के हो गए हैं। एन रामचंद्र राव भाजपा प्रत्याशी हैं। टीआरएस ने एम राजशेखर रेड्‌डी को उतारा है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्‌डी को भाकपा का भी समर्थन है। रेवंत कहते हैं- यह राज्य नहीं, राष्ट्र का चुनाव है। राष्ट्र के चुनाव में क्षेत्रीय दलों की भूमिका नहीं होती है। टीआरएस मुख्यालय के प्रभारी व एमएलसी प्रो. एम श्रीनिवास रेड्‌डी कहते है-हम न तो कांग्रेस के साथ हैं, न भाजपा के। हम फेडरल फ्रंट चाहते हैं। इसमें हमारी भूमिका होगी। सभी सीटें जीतेंगे।

टीआरएस के दावों पर भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय कहते हैं, 16 सीटों पर चुनाव लड़ने वाला दल राष्ट्रीय राजनीति की बात करे, यह सबसे बड़ा मजाक है। राजनीतिक विश्लेषक डीपी सिंह के अनुसार, राज्य गठन में टीआरएस की भूमिका लोग भूले नहीं हैं। केसीआर ने हर वर्ग के लिए कारगर स्कीम चलाई हैं। लोकसभा में भी फायदा होगा। केसीआर ने राज्य को विपक्षविहीन कर दिया है। पद्मजा शॉ कहती हैं कि राज्य में लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है। दलबदल कानून प्रासंगिकता खो चुका है। हालात सत्ताधारी दल (राज्य) के पक्ष में हैं। समाजशास्त्री कल्पना कन्नाबीरन कहती हैं कि तेलंगाना में विपक्ष है ही नहीं। कांग्रेस कमजोर है।

भाजपा का भविष्य तो बीते विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने ही बिगाड़ दिया, जब वह हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की बात कह गए थे। वैसे भी केसीआर ने भाजपा के लिए जमीन छोड़ी ही नहीं है। यज्ञ, पूजा-पाठ, तिरंगा, राष्ट्रगान केसीआर का ही एजेंडा है। द हिन्दू की पत्रकार निखिला हेनरी कहती हैं कि चुनाव में पैसे का खूब खेल होता है। इसीलिए  आयोग ने राज्य को कैश सेंसेटिव सूची में भी रखा है। चुनाव में फिलहाल टीआरएस ही आगे है। दूसरी ताकत कांग्रेस है लेकिन वह विधायक खोती जा रही है।

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