बंद पड़े ट्विटर अकाउंट्स को हैक कर आतंकी गतिविधियों का प्रचार कर रहे आईएस समर्थक
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के समर्थक ट्विटर पर पुराने अकाउंट्स का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के प्रचार में कर रहे हैं। टेकक्रंच ने अपनी रिपोर्ट में इसका दावा किया। रिपोर्ट के मुताबिक, सालों से बंद पड़े कुछ ट्विटर अकाउंट अचानक से एक्टिव हो गए हैं। अरबी भाषा में किए जा रहे ट्वीट्स में आतंक को बढ़ावा देने वाले कंटेंट को शेयर किया जा रहा है। साथ ही इस काम की तारीफ भी की जा रही है।
टेकक्रंच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आईएसआईएस समर्थक हैकर्स ने ट्विटर के सिक्योरिटी फीचर में खामी का फायदा उठाकर बंद पड़े अकाउंट्स को हैक किया। अब इसका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कई सालों तक ट्विटर पर अकाउंट बनाने के लिए ईमेल एड्रेस को वेरिफाई करने की जरूरत नहीं होती थी, जिसका मतलब था कि यूजर्स किसी भी नकली ईमेल एड्रेस के साथ साइन-अप कर सकते थे। हालांकि, अब ट्विटर पर अकाउंट बनाने के लिए ईमेल एड्रेस या फोन नंबर वेरिफाई करना होता है।
टेकक्रंच का कहना है कि, हैकर्स ने जिन यूजर्स के ट्विटर अकाउंट्स सालों से बंद पड़े थे, उनके ईमेल एड्रेस का भी पता लगाया। इस ईमेल एड्रेस की मदद से हैकर्स ने पुराने अकाउंट्स को फिर से शुरू किया।
यूजर्स की गलती से भी हैकर्स को मदद मिली
ट्विटर पर रजिस्टर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईमेल एड्रेस को शो नहीं किया जाता। लेकिन हैकर्स आसानी से इस ईमेल एड्रेस का पता लगा सकते थे। दरअसल, कई मामलों में यूजर्स ने अपने यूजरनेम जैसा ही ईमेल एड्रेस बनाया था और इसी वजह से आईएसआईएस के समर्थक या हैकर्स इसका अनुमान लगा सके।
इसके बाद हैकर्स ने एक नकली ईमेल एड्रेस बनाया और बंद पड़े ट्विटर अकाउंट का पासवर्ड रिसेट किया। इसकी मदद से हैकर्स की पहुंच उन अकाउंट्स तक हो गई, जो सालों से बंद पड़े थे या जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। अकाउंट्स हैक करने के बाद हैकर्स ने उन अकाउंट्स से आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों का प्रचार करने वाले फोटो, वीडियो या कंटेंट पोस्ट किए।
यूजर ने भी अलग ईमेल एड्रेस बनाया: सिक्योरिटी रिसर्चर
आईएसआईएस की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने वाले और सिक्योरिटी रिसर्चर वॉचुला घोस्ट ने टेक क्रंच को बताया, "इस खामी के बारे में कोई नहीं जानता था और न ही ये जानता था कि इसका फायदा किस तरह से उठाया जा सकता है? लेकिन अब हमने इस्लामिक स्टेट का समर्थन करने वालों की पहचान की है, जिन्होंने इस खामी का फायदा उठाया।"
उन्होंने पाया कि ट्विटर पर कई ऐसे अकाउंट थे, जो सालों से बंद पड़े थे और उन्हें हाल ही में हैक किया गया था। उन्होंने बताया, "मैंने जिन इनएक्टिव अकाउंट को देखा तो पाया कि ज्यादातर यूजर्स ने नकली ईमेल एड्रेस से साइन-अप किया था और ये ईमेल एड्रेस उनके अकाउंट से लिंक नहीं था।"
वॉचुला घोस्ट ने बताया कि ईमेल एड्रेस का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन ज्यादातर ट्विटर अकाउंट को
पिछले साल ट्विटर ने 12 लाख अकाउंट हटाए थे
अप्रैल 2018 में ट्विटर ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में बताया था कि, अगस्त 2015 के बाद से आतंक को बढ़ावा देने वाले 12 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था।
इसमें से 93% अकाउंट को ट्विटर के इंटरनल टूल्स और एल्गोरिदम के जरिए हटाया गया था जबकि 74% ऐसे अकाउंट्स थे, जिन्हें पहला ट्वीट करने से पहले ही प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया था।
टेकक्रंच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आईएसआईएस समर्थक हैकर्स ने ट्विटर के सिक्योरिटी फीचर में खामी का फायदा उठाकर बंद पड़े अकाउंट्स को हैक किया। अब इसका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कई सालों तक ट्विटर पर अकाउंट बनाने के लिए ईमेल एड्रेस को वेरिफाई करने की जरूरत नहीं होती थी, जिसका मतलब था कि यूजर्स किसी भी नकली ईमेल एड्रेस के साथ साइन-अप कर सकते थे। हालांकि, अब ट्विटर पर अकाउंट बनाने के लिए ईमेल एड्रेस या फोन नंबर वेरिफाई करना होता है।
टेकक्रंच का कहना है कि, हैकर्स ने जिन यूजर्स के ट्विटर अकाउंट्स सालों से बंद पड़े थे, उनके ईमेल एड्रेस का भी पता लगाया। इस ईमेल एड्रेस की मदद से हैकर्स ने पुराने अकाउंट्स को फिर से शुरू किया।
यूजर्स की गलती से भी हैकर्स को मदद मिली
ट्विटर पर रजिस्टर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईमेल एड्रेस को शो नहीं किया जाता। लेकिन हैकर्स आसानी से इस ईमेल एड्रेस का पता लगा सकते थे। दरअसल, कई मामलों में यूजर्स ने अपने यूजरनेम जैसा ही ईमेल एड्रेस बनाया था और इसी वजह से आईएसआईएस के समर्थक या हैकर्स इसका अनुमान लगा सके।
इसके बाद हैकर्स ने एक नकली ईमेल एड्रेस बनाया और बंद पड़े ट्विटर अकाउंट का पासवर्ड रिसेट किया। इसकी मदद से हैकर्स की पहुंच उन अकाउंट्स तक हो गई, जो सालों से बंद पड़े थे या जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। अकाउंट्स हैक करने के बाद हैकर्स ने उन अकाउंट्स से आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों का प्रचार करने वाले फोटो, वीडियो या कंटेंट पोस्ट किए।
यूजर ने भी अलग ईमेल एड्रेस बनाया: सिक्योरिटी रिसर्चर
आईएसआईएस की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने वाले और सिक्योरिटी रिसर्चर वॉचुला घोस्ट ने टेक क्रंच को बताया, "इस खामी के बारे में कोई नहीं जानता था और न ही ये जानता था कि इसका फायदा किस तरह से उठाया जा सकता है? लेकिन अब हमने इस्लामिक स्टेट का समर्थन करने वालों की पहचान की है, जिन्होंने इस खामी का फायदा उठाया।"
उन्होंने पाया कि ट्विटर पर कई ऐसे अकाउंट थे, जो सालों से बंद पड़े थे और उन्हें हाल ही में हैक किया गया था। उन्होंने बताया, "मैंने जिन इनएक्टिव अकाउंट को देखा तो पाया कि ज्यादातर यूजर्स ने नकली ईमेल एड्रेस से साइन-अप किया था और ये ईमेल एड्रेस उनके अकाउंट से लिंक नहीं था।"
वॉचुला घोस्ट ने बताया कि ईमेल एड्रेस का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन ज्यादातर ट्विटर अकाउंट को
पिछले साल ट्विटर ने 12 लाख अकाउंट हटाए थे
अप्रैल 2018 में ट्विटर ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में बताया था कि, अगस्त 2015 के बाद से आतंक को बढ़ावा देने वाले 12 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था।
इसमें से 93% अकाउंट को ट्विटर के इंटरनल टूल्स और एल्गोरिदम के जरिए हटाया गया था जबकि 74% ऐसे अकाउंट्स थे, जिन्हें पहला ट्वीट करने से पहले ही प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया था।
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